भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह से पूर्व जातकों के गुण मिलान एक महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में अष्टकूटों के मिलान से कुल 36 गुणों का मिलन किया जाता है। वैवाहिक जीवन में सामंजस्य रखने के लिए कम से कम 18 गुणों का मिलान आवश्यक है इससे कम गुण मिलान होने पर जातकों के वैवाहिक जीवन में परेशानी आ सकती है। हालाँकि विशिष्ट परिस्थितियों में ज्योतिष मार्गदर्शन और उपायों के बाद विवाह किया जा सकता है।

कैसे बनाई जाती है नाम से कुंडली ?

प्राचीन काल में ज्योतिषी बालक के जन्म के समय के अनुसार जन्मपत्रिका का निर्माण करते थे। जन्म के समय अलग अलग ग्रहों की स्थिति से इस जन्म कुंडली का भावों के अनुसार विश्लेषण भी किया जाता था। इसी प्रक्रिया का एक हिस्सा था नामकरण, जो कुंडली में सुझाये गए अक्षर के अनुसार ही किया जाता था।

आजकल ऑनलाइन इन्टरनेट के माध्यम से नाम द्वारा भी कुंडली मिलान किये जाते हैं जो काफी प्रभावी माने जा सकते हैं लेकिन विवाह या अन्य बातों के लिए विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श लेना अति आवश्यक है। नाम के द्वारा, जन्म का समय ज्ञात नहीं होने पर भी कुंडली के गुण मिलाये जा सकते हैं। वर-वधू की ग्रह राशि में चंद्र की स्थिति का विश्लेषण कर उनके गुणों का पता किया जा सकता है। इसलिए कुंडली के द्वारा किया गया गुण मिलान भी उतना ही कारगर है जितना जन्म समय और स्थान के द्वारा किया जाता है। भविष्य के वैवाहिक जीवन के लिए भी ये परिणाम महत्वपूर्ण माने जा सकते हैं।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार नाम से कुंडली मिलान का अर्थ भावी वर और वधु दोनों के नाम से ग्रहों एवं नक्षत्रों की सही गणना करना और इसके अनुसार उनके सभी गुणों का मिलान करना है।

क्या करें अगर जन्म राशि याद नहीं है ?

जिन लोगों को अपनी सही जन्म राशि ज्ञात नहीं है तो उनको अपनी जन्म कुंडली में स्थित चंद्रमा के अनुसार अर्थात चन्द्रमा जिस राशि में बैठा हुआ उसको ही आप जन्म राशि मान सकते हैं। इस आधार पर गणना करके भावी वर-वधु के वैवाहिक जीवन की संभावनाओं को व्यक्त किया जा सकता है।

हालाँकि नाम से कुंडली मिलान की स्थिति में कुछ त्रुटियाँ भी सम्भव हो सकती हैं क्योंकि हो सकता है जन्म नाम कुछ अलग हो और प्रचलन में नाम दूसरा हो। दूसरी एक स्थिति यह भी हो सकती है जब बोलते नाम अर्थात प्रचलित नाम के अनुसार भी गुण मिलाये जा सकते हैं।

इन सबमें दो संभावनाएं हो सकती हैं जो विशेष रूप से आपके नाम के पीछे का कारण हो सकती हैं :-

  • पहला ये कि वर या वधु का नाम जन्म के समय ग्रहों-सितारों की गणना के अनुसार ही रखा गया हो और,
  • दूसरा कि जन्म के बाद अभिभावकों ने उनका कोई पसंदीदा नाम रख दिया था

दोनों ही बातें नाम के द्वारा गुण मिलान के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।

प्रचलित ( बोलते ) नाम के कारण भी व्यक्ति के जीवन में प्रभाव पैदा होते हैं जिसके पीछे यह कारण होता है कि इसी नाम से कर्मों का ऊर्जा प्रवाह होता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए बोलते नाम से भी गुण मिलान किया जा सकता है। इसके लिए विशेषज्ञ ज्योतिषी से सलाह के बाद ही वैवाहिक संबंधों के लिए आगे बढ़ना चाहिए।