बढ़ती आवश्कताओं के साथ अधिक धन का होना भी एक जरुरी पहलु है। कई बार धन लाभ नहीं होने की वजह वास्तु दोष हो सकता है जो आपके निवास स्थान पर बन जाता है। इन दोषों के निराकरण से जुड़ा शास्त्र ही वास्तु शास्त्र कहलाता है।

वास्तु शास्त्र में पंच तत्वों की शुद्धि के साथ-साथ प्रत्येक दिशा से आने वाली ऊर्जा के शुद्धिकरण पर भी जोर दिया जाता है। धन से जुड़ी बातों और उपायों के लिए उत्तर दिशा को बहुत ख़ास माना जाता है। कुबेर की दिशा के रूप में भी उत्तर या उत्तर-पूर्व अर्थात ईशान दिशा से जुड़े उपायों के बारे में वास्तु शास्त्र में विस्तृत वर्णन है।

घर में कछुए (Feng Shui Tortoise) का क्या महत्व है ?

फेंगशुई और वास्तुशास्त्र दोनों में कछुए को धन लाभ से जुड़े उपायों के तौर पर उपयोग में लिया जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार कछुआ, उत्तर दिशा का संरक्षक जीव माना जाता है। कुछ लोग घर में धातु, क्रिस्टल आदि से बने कछुए तो ले आते हैं लेकिन इसको रखने से जुड़े नियमों को भूल जाते हैं। कछुए को हमेशा उत्तर दिशा में किसी धातु की प्लेट में पानी भरकर एक कछुआ रखें जिसका मुंह उत्तर दिशा में होना चाहिए।

किस धातु से बने कछुए को रखें घर में ?

  • मेटल से बने कछुए को उत्तरी या फिर उत्तरी-पश्चिमी दिशा में रखें.
  • क्रिस्टल से बने हुए कछुए को हमेशा दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण-पूर्वी दिशा में रखें.
  • मिट्टी से बने कछुए को उत्तर-पूर्व या फिर दक्षिण-पश्चिम में रखें.
  • लकड़ी के बना कछुए को स्थापित कर रहे हैं तो पूर्वी दिशा में रखें या फिर दक्षिण-पूर्व में.
  • अगर एक से अधिक कछुए पाल रहे हैं तो उनका चेहरा हमेशा पूर्वी दिशा में रखें.

कछुए से जुड़े वास्तु उपाय और ध्यान रखने योग्य बातें :

  • वास्तु शास्त्र में उत्तर, या उत्तर-पूर्व दिशा कछुए की स्थापना के लिए सबसे अच्छी मानी गई है। इसलिए घर में स्थापित करते समय इसका मुहं उत्तर दिशा की ओर रखें।
  • कछुए के प्रतीक को घर में स्थापित करने से आर्थिक स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • आर्थिक प्रगति के साथ-साथ कछुआ वास्तुदोष का भी निवारण करता है। इसलिए ये घर की शुभ ऊर्जा को बढ़ाता है।
  • नया व्यापार शुरू करते समय अपनी दुकान या ऑफिस में चांदी को कछुआ रखना बहुत शुभ माना जाता है।
  • दीर्घायु होने के उपायों में भी कछुए के उपायों का विधान है। कछुआ धीरे-धीरे गति से चलने वाला जीव है जो दीर्घायु होने का प्रतीक है। इसकी शांत और सौम्य प्रकृति घर के वातावरण से नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को दूर करता है।
  • घर में कछुए को रखने में इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि इसका मुहं बाहर की तरफ नहीं हो, इसका मुहं अंदर की ओर होना चाहिए। उत्तर या पूर्व में भी इसका मुहं आप कर सकते हैं अगर इनमें से किसी एक दिशा में आपके घर का मुहं हो।
  • शयन कक्ष में कभी भी कछुआ नहीं रखें, इसको ऐसे स्थान पर रखें जो शुद्ध हो जैसे पूजा स्थल में भी इसको रख सकते हैं।

अत:घर में कछुआ या अन्य किसी भी वस्तु को स्थापित करने से पूर्व उसके वास्तु प्रभाव को जान लेना आवश्यक है। कई बार हम अनजाने में ऐसी भूल कर बैठते हैं जो गंभीर वास्तु दोष को निमंत्रण दे देती है। इन वास्तु दोषों के कारण घर की पञ्च तत्व ऊर्जा में असंतुलन हो जाता है और प्रभावस्वरूप कई समस्यायें उभर सकती है। इसलिए घर की तत्व शुद्धि के लिए उचित वास्तु परामर्श बेहद जरूरी है।