आरती तो आप सभी करते हैं और आरती में कर्पूर का इस्तेमाल भी करते हैं। आखिरकार क्यों कर्पूर का आरती में उपयोग किया जाता है। सभी धार्मिक कार्यों और पूजन में प्रयोग किए जाने वाले कर्पूर का महत्व वास्तु व ज्योतिष शास्त्र में भी बताया गया है। कर्पूर के कई औषधियों के रुप मे भी कई फायदे हैं। तो आइए जानते हैं कर्पूर किस तरह से हमारे जीवन को सुधारने में मदद कर सकता है व इसका उपयोग कहां और कैसे करें।
आरती में क्यों होता है कर्पूर का प्रयोग
- माना जाता है कि कर्पूर जलाने से वायुमंडल शुद्ध होता है। साथ ही हानिकारक बैक्टेरिया भी नष्ट हो जाते हैं। जिस घर में रोजाना कर्पूर जलाया जाता है वहां की नकारात्मक ऊर्जा भी नष्ट हो जाती है।
- शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि अगर आप पितृ दोष और देव दोष को शांत करना चाहते हैं तो घर में कर्पूर जरूर जलाएं।
- सोते समय कर्पूर जलाने से आसपास का वातावरण ठीक हो जाता है। जिससे आपको बुरे सपने भी नहीं आते हैं।
- कर्पूर आपको कई बीमारियों से भी बचा सकता है। जैसे मांसपेशियों के खिंचाव, कफ, गर्दन में दर्द आदि से कर्पूर की मदद से छुटकारा मिल सकता है।
- वैज्ञानिक शोधों से यह भी ज्ञात हुआ है कि इसके सुगंध से जीवाणु-विषाणु आदि बीमारी फैलाने वाले जीव नष्ट हो जाते हैं। जिससे वातावरण तो शुद्ध होता ही है, साथ ही कई तरह की बीमारी होने का भी भय नहीं रहता है।
करपूर गौरम करूणावतारम, संसार सारम भुजगेन्द्र हारम। सदा वसंतम हृदयारविंदे, भवम भवानी सहितं नमामि।
यह मंत्र महादेव की अराधना के लिए है।यही कारण है कि पूजन में आरती में व अन्य धार्मिक कर्म-कांड में कर्पूर का विशेष महत्व बताया गया है। तो आप भी कर्पूर का इस्तमाल कर स्वच्छ करें अपने आस-पास का वातावरण और माहौल।
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