जहां रत्न भाग्य उन्नति में सहायक होते हैं। वहीं रत्नों को कुंडली अनुसार ज्ञान प्राप्त कर धारण करने से जातक को रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। आपके परिवार में किसी व्यक्ति के साथ कोई समस्या है, कोई रोग है तो उसका संबंध किस ग्रह से है। जब आप इस बात को जान लेंगे तो आसानी से उसका उपाय भी कर लेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे शरीर का संचालन भी ग्रहों के अनुसार होता है। अतः रोग अनुसार रत्न पहनकर रोग मुक्त होने के उपाय आईए जानते हैं।

  • माणिक और स्वास्थ्य – माणिक सूर्य का रत्न है अतः आंखों के रोग व नेत्र ज्योति के लिए इस रत्न को धारण किया जा सकता है। हृदय रोग, निम्न रक्त चाप, त्वचा रोग से पीड़ित व्यक्ति के लिए यह रत्न धारण करना अच्छा होता है।
  • मोती और स्वास्थ्य – मोती चंद्रमा का रत्न है व जिनका मन बेचैन रहता है उन्हें मोती धारण करना चाहिए। तनाव, क्रोध से बचने के लिए मोती धारण करना फायदेमंद होता है।
  • मूंगा और स्वास्थ्य – मूंगा मंगल का रत्न है और यह रत्न व्यक्ति को जोशीला, ऊर्जावान बनाता है। खून संबंधित दिक्कत, किडनी के रोग के लिए मूंगा फायदेमंद होता है।
  • पन्ना और स्वास्थ्य – पन्ना बुध का रत्न है और इसे धारण करने से दमा, खांसी जैसे रोग की संभावना कम रहती है। मिर्गी या मस्तिष्क संबंधित परेशानी में भी ज्योतिष शास्त्र में पन्ना को उपयुक्त माना गया है।
  • पुखराज और स्वास्थ्य – पुखराज गुरु का रत्न है व लिवर संबंधित समस्या और अल्सर जैसे रोग पुखराज से नियंत्रित रहते हैं।
  • हीरा और स्वास्थ्य – हीरा शुक्र ग्रह का रत्न है व इसे धारण करने से व्यक्ति के सौंदर्य में वृद्धि होती है।
  • नीलम और स्वास्थ्य – शनि का रत्न है नीलम व हड्डियों और नसों के रोग, गठिया व बवासीर को हरने वाला रत्न माना जाता है।
  • गोमेद और स्वास्थ्य – गोमेद राहु का रत्न है और इसे धारण करने से बौद्धिक क्षमता बढ़ती है। वायु विकार, गुप्त रोग के लिए भी राहु रत्न गोमेद पहनना फायदेमंद है।
  • लहसुनिया और स्वास्थ्य – लहसुनिया केतु का रत्न है। नज़र लगने के कारण स्वास्थ्य संबंधित बीमारी में यह रत्न धारण करना लाभप्रद है।
  • ध्यान दें – कोई भी रत्न जन्म कुंडली में दशा देख कर पहनें और दो विरोधी रत्न एक साथ न पहनें हीरा, माणिक, नीलम, मूंगा हर किसी को सूट नहीं करता इसलिए पहले इसका प्रभाव देखें फिर धारण करें।