ज्योतिषशास्त्र में राजयोग बहुत शुभ व प्रभावी होता है। इस योग के परिणामस्वरूप जातक अपने जीवन में राजा समान सुख—सुविधा व मान—सम्मान प्राप्त करता है। कुंडली में राजयोग कई प्रकार के होते हैं। जानें,क्या आपकी कुंडली में भी कोई ऐसा राजयोग बन रहा है
ज्योतिषशास्त्र में कुल 32 प्रकार के राजयोग होते हैं।किसी भी इंसान की कुंडली में इन सभी राजयोग के मिलने की संभावनाएं बहुत कम होती है लेकिन इनमें से कोई भी राजयोग मौजूद हो तो ऐसा मनुष्य अपने जीवन में पूरी सुख—सुविधाएं व अपार धन हासिल करता है।
ज्योतिष के प्रमुख राजयोग —
बुधादित्य योग
जब कुंडली के किसी भाव में सूर्य और बुध एक साथ मौजूद हो तो बुधादित्य योग बनता है। इस योग के प्रभाव से जातक अपने जीवन में काफी धन,यश और कार्यक्षेत्र में बडी सफलताएं हासिल करता है।
गजकेसरी योग
जन्म कुंडली में जब गुरु एवं चन्द्रमा एक-दूसरे से केन्द्र में हो तो ऐसी स्थिति में गजकेसरी योग बनता है और इस योग के शुभ प्रभाव से इंसान सफलताएं, सुख—समृद्वि व प्रतिष्ठा हासिल करता है।
नीचभंग राजयोग
जन्म कुंडली में नीचभंग राजयोग भी बेहद असरदार योग है। यदि कुंडली के 6, 8 और 12वें भाव के स्वामी अपने भाव में स्थित हों तो इस प्रकार का राजयोग बनने पर इंसान सफलताएं,उच्च पद व वर्चस्व हासिल करता है।
इन स्थितियों में भी बनते हैं राजयोग
- जब दो या दो से अधिक ग्रह अपनी उच्च राशि या स्वराशि में होकर केन्द्र में स्थित हो तब इस तरह राजयोग बनता है।
- यदि कुंडली में नवमेश व दशमेश का राशि परिवर्तन हो और नवमेश नवम में व दशमेश दशम भाव में हो या नवमेश व दशमेश नवम या दशम भाव में स्थित हो तो राजयोग निर्मित होता है।
- जिस जातक की कुंडली के दूसरे,पांचवें,नवें या ग्यारहवें भाव में सभी शुभ ग्रह मौजूद हो तो ऐसा इंसान धनवान बनता है।
- कुंडली में अगर राजयोग बन रहा है और अन्य अशुभ ग्रहों का प्रभाव भी है तो राजयोग का प्रभाव कम होता है।
इस तरह जन्म कुंडली में राजयोग बनने की प्रमुख स्थितियों और मिलने वाले प्रमुख शुभ परिणामों के बारे में पता किया जा सकता है।
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