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789 Views 2020-08-04 06:19:44

गणेश चतुर्थी 2020: कब है गणेश चतुर्थी मुहूर्त एवं इस पर्व से जुड़ीं ख़ास बातें

भगवान गणपति हिन्दू धर्म में विशेष रूप से पूजे जाने वाले वाले देव हैं। जिन पांच देवताओं की पूजा किसी भी पूजन में आवश्यक होती है उनमें से गणपति सबसे पहले पूजे जाते हैं। इसके अलावा प्रत्येक त्यौहार धर्म के साथ-साथ उस क्षेत्र विशेष की संस्कृति को भी पोषित करता है। जिसके बाद इन त्योहारों का फैलाव एक धर्म विशेष में न रहकर उस पूरे क्षेत्र के आम जन में हो जाता है। विशेष तौर पर महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला गणेश उत्सव इसका उदाहरण हैं जिसमें सभी धर्मों के लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

कब मनाई जाती है गणेश चतुर्थी?

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। महाराष्ट्र में विशेष रूप से यह उत्सव दस दिन तक चलता है। बाल गंगाधर तिलक ने ये उत्सव जनजागरण के रूप में मनाना प्रारम्भ किया। उत्तर भारत में भी गणेश चतुर्थी धूम-धाम से मनाई जाती है।

आइये जानते हैं इस वर्ष 2020 में कब है गणेश चतुर्थी-

गणेश चतुर्थी पर्व तिथि व मुहूर्त 2020 (Ganesh Chaturthi 2020):
22 अगस्त 2020

मध्याह्न गणेश पूजा – 11:07 से 13:41

चंद्र दर्शन से बचने का समय- 09:07 से 21:26 (22 अगस्त 2020)

चतुर्थी तिथि आरंभ- 23:02 (21 अगस्त 2020)

चतुर्थी तिथि समाप्त- 19:56 (22 अगस्त 2020)

गणेश चतुर्थी 2020 की पूजा विधि:

● गणेश चतुर्थी के दिन प्रात: काल शीघ्र ही स्नान आदि से निवृत होकर गणेश प्रतिमा की स्थापना की जानी चाहिए है।

● इसके बाद प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाकर षोडशोपचार कर उसका पूजन किया जाता है। सिन्दूर अर्पण करने बाद इस प्रतिमा को वर्क आदि से सजावें।

● गणेश जी को दक्षिणा अर्पित कर उन्हें 21 लड्डूओं का भोग लगायें। पूजन शुभ मुहूर्त में ही किया जाना चाहिए।

● इस दिन इस बात विशेष ध्यान रखें आपको चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए।

● पूजा समाप्ति के उपरांत भगवान से प्रार्थना आदि करके व्रत खोलना चाहिए।

कब प्रारंभ हुआ गणेशोत्सव?

विशेष रूप से महाराष्ट्र में गणेशोत्सव पेशवाओं के समय से ही मनाया जाता रहा है। किंतु इसका वर्तमान स्वरूप बाल गंगाधर तिलक के समय में प्रारम्भ हुआ। बाद में ये त्यौहार जन जागरण और राष्ट्रीय एकता का पर्याय बन गया। एक समय तक गणेश उत्सव आज़ादी में पर्याय बन गया था जो जनजागरण में इतना उपयोग किया जाने लगा कि अँग्रेज़ भी इससे घबराने लग गये थे।

सभी कार्यों में प्रथम पूज्य माने जाने गणपति अपनी विलक्षण बुद्धि के कारण ही प्रथम पूजित हैं। सम्पूर्ण भारत में गणेश उत्सव धूम धाम से मनाया जाता है। वास्तु और ज्योतिष में गणेश जी से जुड़े कई उपाय बताये जाते हैं। जो हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन की ओर लेकर जाते हैं।

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