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726 Views 2020-07-29 12:34:21

सावन में भगवान शिव पूजा में रखें इन बातों का विशेष ध्यान

सावन भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष एवं उनका प्रिय महीना माना जाता है। भगवान भोलेनाथ यूँ तो शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवाधिदेव हैं परन्तु श्रावण मास में अगर किसी विशेष मनोरथ को लेकर उपाय किये जाते हैं तो शीघ्र सफलता मिलती है।

सावन 2020 में भगवान शिव पूजा में किन बातों का रखे विशेष ध्यान-

● भगवान शिव व माता पार्वती की आराधना इस पूरे महीने सुबह एवं शाम को करनी चाहिए। 108 बार ‘ॐ नमः शिवाय’ मन्त्र का जाप करें एवं जलाभिषेक भी करें।

● भगवान शिव जी की पूजा में गंगाजल का उपयोग जरूर करें साथ ही पूजा में पूरे शिव परिवार की पूजा करें।

● शिव जी की पूजा में पंचामृत (दूध, दही, चीनी, घी, शहद) का उपयोग करें।

● जनेऊ, चन्दन, रोली, चावल, फूल, बिल्वपत्र, दूर्वा, फल, विजिया (भांग), आक, धूतूरा, कमल−गट्टा, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, पंचमेवा का प्रयोग

शिव पूजा में इन चीज़ों का प्रयोग नहीं करें-

● शिव पूजन करते समय कभी भी तुलसी के पत्तों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

● शिव पूजा में कभी भी कुमकुम (रोली) का प्रयोग नहीं करना चाहिए। केसर, चंदन और कर्पूर का तिलक लगाना चाहिए।

● भगवान शिव को नारियल का पानी कभी न चढ़ाएं।

● केतकी के पुष्प भी भगवान शिव को अर्पण न करें।

सावन 2020 में शिव पूजा ऐसे करें ( Shiv Pooja in Shravan 2020)

जो भी व्यक्ति पूरे सावन का व्रत कर रहा हो या न कर रहा हो उसे इस पूरे महीने भगवान शिव का भजन पूजन करने से विशेष लाभ मिलता है एवं मनोकामना पूर्ती होती है।

● प्रात: काल जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

● अगर घर पर शिवलिंग है या आस पास किसी मंदिर में जा रहें हो तो पहले उस स्थान की सफाई एवं शुद्धिकरण कर लेवें|

● इसके बाद शिवलिंग पर जल, दूध एवं पंचामृत से अभिषेक करें।

● स्नान के पश्चात केसर, कपूर एवं चंदन का मिश्रित तिलक लगायें।

● अब सुपारी, पंच अमृत, बेल पत्र, धतूरा, फल, फूल आदि उपलब्ध सामग्री अर्पित करें।

● तत्पश्चात दीपक और धूप जलाकर भगवान शिव का ध्यान करें।

भगवान शिव की पूजा में इन मंत्रो का जाप करें ( Shiv Pooja Mantra)

रूद्र गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।।
महामृत्युंजय गायत्री मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनम्‌।उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्‌ ॐ स्वः भुवः ॐ सः जूं हौं ॐ ॥
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव जी का मूल मंत्र
ॐ नम: शिवाय भगवान शिव के इन मंत्रो के मनोयोग से पठन करने से सभी प्रकार के समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इसके बाद क्षमाप्रार्थना के लिए इस मन्त्र का जाप करें –
आवाहनं न जानामि, न जानामि तवार्चनम।
पूजाश्चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वर।।

भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवों के अधिपति हैं। इनकी आराधना से कष्टों से मुक्ति मिलती है एवं ग्रहों आदि के अशुभ दोष भी दूर होते हैं। ज्योतिष परामर्श के साथ कुंडली विश्लेषण के द्वारा भगवान शिव की आराधना से जुड़े उपाय किये जा सकते हैं।

कुंडली विश्लेषण एवं ज्योतिष परामर्श के लिए पं. पवन कौशिक से जानिए उपाय

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