
- माता सरस्वती विद्या की देवी है इसलिए बच्चों के परीक्षा परिणाम में कोई परेशानी आ रही है तो हो सकता है आपके सरस्वती के स्थान में दोष हो । सरल वास्तु के विशेषज्ञ (vastu shastra tips for education) सरस्वती स्थान का विश्लेषण करेंगे और आपको समाधान बताएंगे
- अगर बच्चा बिस्तर पर बैठ कर पढाई करता है तो उसे ऐसा नही करने दें। इससे गंभीरता कम होती है जिसका सीधा असर पढ़ी हुई बातों का याद नहीं होना जैसी समस्याओं के रूप में होता है ।
- पढ़ाई का कमरा पूर्व या उत्तर दिशा या फिर ईशान कोण में होने से सूर्य, बुध एवं गुरू ग्रह की कृपा प्राप्त होती है। छात्रों के लिए और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
- कोशिश करें कमरे में सूर्य का सीधा प्रकाश आये। यदि सूर्य की किरणें स्टडी रूम तक ना आ पायें तो भी सुबह और शाम खिड़की-दरवाजे खोलकर रखें। इससे सकारात्मक उर्जा बनती है जो अध्ययन के लिए उत्तम वातावरण बनती है।
- स्टडी रूम में विद्या की देवी सरस्वती का चित्र लगायें। सुबह-शाम ‘ॐ ऐं हीं सरस्वत्यै नमः’ का जाप करें और कुशाग्र बुद्धि के लिए प्रार्थना करें।
- स्टडी रूम की दीवारों का रंग हलका हरा हो तो भी ये लाभकर होगा। इससे एकाग्रता और चुस्ती बनी रखती है।
- बीम या दुछत्ती के नीचे पढाई करने से मन भटकता है। इन जगहों पर न तो सोना चाहिए और न ही पढना चाहिए। ये नकारात्मक उर्जा को बढाती है।
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