
- किसी भी व्यवसाय में सफलता के लिए कुंडली में दशम भाव यानि कर्म स्थान,एकादश भाव अर्थात् आय का स्थान और व्यवसाय के कारक ग्रह बुध की स्थिति का निरीक्षण करना बेहद महत्वपूर्ण है।
- कुंडली में दशम भाव में एक से अधिक ग्रह होने की स्थिति में सबसे मजबूत ग्रह के अनुसार व्यापार का चुनाव कर सकते हैं।
- अगर दसवें भाव में कोई ग्रह नहीं हो तो ऐसी स्थिति में इस भाव के स्वामी की स्थिति के अनुसार भी संबंधित व्यापार करने का फैसला सही होता है।
- ज्योतिषशास्त्र में सप्तम भाव को साझेदारी का माना है इसलिए इस भाव में मित्र ग्रहों से संबंधित कार्य कर सकते हैं जिससे पार्टनरशिप में लाभ मिलता है।
- किसी भी प्रकार के बिजनेस में सफलता पाने के लिए कुंडली में शुभ योग का होना आवश्यक है इसलिए ग्रहों की दशा,महादशा की देखकर शुभ योग बनने पर व्यवसाय प्रारंभ करना चाहिए।
- कुंडली में मंगल ग्रह की मजबूती पर जमीन,प्रोपर्टी संबंधित व्यापार करने से लाभ मिलता है।
- शुक्र की शुभ व मजबूत स्थिति से सौंदर्य प्रसाधन,ज्वेलरी,सफेद वस्तु संबंधित व्यापार में सफलता मिलने की संभावनाएं बनती हैं।
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