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632 Views 2019-05-30 05:38:18

दशहरा से जुडी हैं ये खास बातें, जानिये कारण व महत्व

दशहरा से जुडी हैं ये खास बातें, जानिये कारण व महत्व

बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में अश्विन माह की शुक्ल पक्ष दशमी तिथि को दशहरा ( विजय दशमी ) त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम ने अहंकारी रावण का वध किया था। जानिये, दशहरा से जुडी हुई खास बातें जिनका इंसान के जीवन में बहुत महत्व है।

दशहरा शुभ मुहूर्त 2019

तिथि व वार 8 अक्टूबर,मंगलवार
विजय मुहूर्त 14:04 से 14:50
अपराह्न पूजा समय 13:17 से 15:36

नीलकंठ पक्षी के दर्शन — नीलकंठ पक्षी को भगवान का प्रतिनिधि माना है इसलिए दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन होना सौभाग्य का प्रतीक है और घर में खुशहाली,सुख व शांति का आगमन होता है।
पौराणिक कथा अनुसार जब दशहरा को भगवान श्रीराम रावण का वध करने जा रहे थे तो उन्हें भी नीलकंठ पक्षी के दर्शन हुए थे और राम जी को रावण पर विजय मिली थी।

शस्त्रों का पूजन – दशहरा पर शस्त्रों के पूजन का भी विशेष महत्व है। पूजा के दौरान शस्त्रों के ऊपर जल छिड़क कर और कुंकुम, हल्दी का तिलक लगाकर फूलों से श्रृंगार कर मिठाई अर्पित की जाती है।

शमी वृक्ष का पूजन — विजयदशमी त्यौहार पर शमी पेड़ के नीचे दीपक जलाने व पूजन करने का महत्व है और इसकी पत्तियां एक दूसरे को देने की पुरानी परंपरा भी है।
मान्यता है कि भगवान श्री राम जब लंका जा रहे थे तो शमी वृक्ष के पास से गुजरने के दौरान इस वृक्ष से विजय का उदघोष हुआ था इसलिए दशहरा पर इस वृक्ष के पूजन का धार्मिक महत्व माना है।

सुंदरकांड का पाठ — दशहरा त्यौहार रावण पर विजय से संबंधित है इसलिए दशहरे पर सुंदरकांड पाठ करने व सुनने का महत्व है। इस कार्य से शरीर के रोग,कुंडली दोष दूर होते हैं और कार्यों में सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।

नई वस्तुएं खरीदना शुभ — दशहरा पर अबूझ व शुभ मुहूर्त होने के कारण सोना—चांदी,वाहन,नए वस्त्र और बर्तन खरीदना बेहद शुभ माना है। इन चीजों को खरीद कर घर लाना सुख—समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है और सकारात्मकता भी प्रवेश होती है। इस खास दिन नए कार्यों का शुभारंभ ​भी किया जाता है।

विजय मुहूर्त — धर्मशास्त्रों के मुताबिक विजयदशमी को शुभ व श्रेष्ठ मुहूर्त होता है इसलिए इस दिन शुक्र उदय होने के दौरान के मुहूर्त को विजय मुहर्त कहा गया है। ज्योतिषशास्त्र में इस मुहूर्त के महत्व का वर्णन है।

बुराई रूपी पुतले का दहन — विजयादशमी पर बुराई व अवगुण के प्रतीक रावण का दहन किया जाता है। इस दिन हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, आलस्य, हिंसा आदि बुरी आदतों से हमेशा दूर रहने की प्रेरणा भी मिलती है।

ज्योतिष व वास्तु संबंधित अधिक जानकारी के लिए पंडित पवन कौशिक से संपर्क करें: +91-9990176000

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