इंसान का जीवनचक्र जब तक चलता रहता है उसकी लाईफ में संघर्ष, मुश्किलें और कठिनाईयां आती रहती हैं। चाहे वो परेशानियां धन,शांति व समृद्धि से जुड़ी हुई हो या फिर आपके सेहत से जुड़ी हो। जब ये परेशानियां सेहत से जुड़ी हों तो इंसान और भी ज्यादा व्यथित हो जाता है। अक्सर ऐसा कहा जाता है कि इंसान के स्वस्थ्य शरीर में ईश्वर का निवास होता है। हर व्यक्ति की यह चाह होती है कि उसका परिवार तंदुरुस्त और सेहत से भरपूर रहे।

तो आईए जानते हैं कुछ वास्तु टिप्स जो ना सिर्फ आपके घर से बीमारी को दूर भगाएंगे बल्कि आसपास का वातावरण भी स्वास्थ्य प्रद बनाएंगे।

  • घर के प्रवेश द्वार पर स्वस्तिक या ॐ का निशान या आकृति लगाएं, इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है व नकारात्मकता हटती है।
  • प्रात:काल में पूर्व दिशा की सारी खिड़कियां खोल दें, सुबह की सूरज की किरणें सेहत के लिए वरदान साबित हो सकती हैं। घर की नाकारात्मकता और जीवाणु सूर्य की किरणों से नष्ट हो जाती हैं।
  • रात्रि को सोते वक्त आपका सिर उत्तर और पैर दक्षिण दिशा में होना सेहत के हिसाब से नुकसान दायक हो सकता है व सिर दर्द और अनिद्रा जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती हैं।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार दीवारों पर सीलन होने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है। ऐसे स्थान पर अधिक वक़्त तक रहना सांस की समस्या और त्वचा संबंधित रोगों को निमंत्रण देने के समान होगा।
  • रात को सोते वक्त बिस्तर के समीप मोबाईल, कंप्यूटर इत्यादि रखने से इससे निकलने वाली तरंगे हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
  • शयनकक्ष में पुरानी वस्तुओं को संग्रहित ना करें यह नकारात्मकता का माहौल पैदा करती है तथा इससे मलेरिया, टाईफाईड जैसे कई तरह की बीमारियां फैलने का भी भय रहता है।
  • घर में तुलसी के पौधा लगाएं और संध्या काल में नित्य उसके सामने घी के दीपक जलाएं, तो समस्त वास्तु दोषों का नाश होता है साथ ही इसके पत्तों में रोग प्रतिरोधक क्षमता पाई जाती है जिसके सेवन से सर्दी-जुकाम, फ्लू जैसी परेशानियां नहीं होती।

तो आपने जाना कि कैसे सरल से वास्तु टिप्स को अपनाकर आप अपने घर को नाकारात्मक ऊर्जा के कुप्रभावों से दूर रख सेहत का सिकंदर बन सकते हैं।

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