नया विक्रम संवत 2075, 18 मार्च 2018 से प्रारंभ हो रहा है। वैसे तो अंग्रेजी नया साल सभी हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं और उसके तरह-तरह के फलादेश भी बताए जाते हैं। किस तरह से आपका राशिफल रहने वाला है और कैसा रहेगा अंग्रेजी का नया साल। लेकिन भारत का सर्वमान्य संवत विक्रम संवत है जिसका प्रारंभ चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। ब्रह्म पुराण के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही सृष्टि की संरचना शुरू की गई थी। इस दिन संवत्सर का पूजन, नवरात्र, घटस्थापना के विधि-विधान किए जाते है। तो आईए जानते हैं किस तरह से स्वागत करें नववत्सर का और इस तिथि में क्या उपाय करने चाहिए जिससे आपका आने वाला साल शुभ हो और परिवार में बरकत बनी रहे।

प्रतिपदा व्रत फल

प्रतिपदा तिथि 17 मार्च को शाम 6 बजकर 41 मिनट से शुरू हो जाएगी और 18 मार्च को शाम 6 बजकर 31 मिनट तक रहेगी। प्रतिपदा तिथि यानि साल की पहली तिथि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा जिसमें व्रत करने का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत करने से वैधव्य दोष नष्ट हो जाते हैं। इस व्रत को करने से दुख-दरिद्रता का नाश होता है व धन-धान्य में वृद्धि होती है।

क्या है प्राकृतिक महत्व

वसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से भरी होती है। किसान को उसकी मेहनत का फल मिलने का भी यही समय है यानि फसल पकने का प्रारंभ इसी दैरान होता है।

क्या उपाय करें

एक तांबे का पात्र लेकर उसमे थोड़ा जल मिलाकर एक गुलाब का पुष्प डाल लें। एक टुकड़ा गुड़ और अक्षत मिलाकर उसमें थोड़ी सी रोली डालें और गायत्री मंत्र बोलते हुए 7 बार सूर्य देव को अर्घ्य दें।

इस दिन नीम के ताजे कोपलें गुड़ और अजवाइन के साथ जरूर खाने चाहिए। जिससे यह आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है व पूरे साल स्वस्थ्य रखता है।

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की तिथि में यदि आप व्रत करके देवी दुर्गा की साधना करते हैं, तो जीवन में किसी भी प्रकार के कष्ट से मुक्ति पा सकते हैं।