पूरा देश इस समय लॉक डाउन से गुजर रहा है। कोरोना वायरस के कहर के कारण लगभग सारे विश्व में इससे हालात चिंताजनक बने हुए हैं। ज्योतिष शास्त्र ने भी नए वर्ष के प्रारंभ को लेकर कुछ परेशानी भरे होने के कयास लगाये थे जिनके पीछे अशुभ ग्रहों के दोष और वर्ष में कुछ कुयोग बन रहे थे। अब बीती 4 मई को मंगल से जुड़े कुछ परिवर्तन हो चुके हैं, आइये जानते हैं ज्योतिष शास्त्र क्या कहता है इस बारे में|

मंगल का हो चुका है कुम्भ में प्रवेश जानिए क्या होगा असर-

जिस दिन लॉकडाउन प्रारंभ हुआ था उसी दिन 22 मार्च से मंगल शनि में प्रवेश कर गया था। मंगल विनाश और अनिष्ट कारी ग्रह माना जाता है और शनि के साथ के कारण इसका कुप्रभाव और भी बढ़ गया था। पिछले 4 मई को मंगल, शनि की मकर राशि से निकल कर कुम्भ में प्रवेश कर चुका है। जिसके बाद से अब लॉकडाउन में भी ढील दी जाएगी।

तो क्या मंगल का कुम्भ में गोचर करेगा कोरोना का असर समाप्त?

जी नहीं, ऐसा कहना सही नहीं होगा कि जैसे ही मंगल का मकर के साथ मिलन होगा सबकुछ चमत्कारिक रूप से ठीक हो जाएगा। यह एक वैश्विक महामारी है जिसका लम्बा असर होगा और ठीक होने में समय भी लगेगा। इसका तात्पर्य यह है कि ज्योतिष के अनुसार कोरोना का अशुभ प्रभाव धीरे धीरे कम होने लगेगा। 4 मई के बाद से लॉकडाउन में अलग अलग प्रकार से ढील दी जाने लगेगी जो हम वर्तमान में देख भी रहे हैं। व्यावसायिक गतिविधियाँ भी सुचारु होने लगेगी।

बृहस्पति ग्रह का यह होगा प्रभाव:

11 मई से शनि एवं 14 मई को बृहस्पति वक्री होंगे जिसके अनुसार नीच राशि में किसी भी ग्रह के प्रतिगामी होने से शुभ फल मिलता है। इस स्थिति से तनाव कम होगा। सूर्य मेष राशि स्थित होकर 13 अप्रैल से चल रहे हैं। बृहस्पति के प्रभाव से धीरे-धीरे सुधारात्मक प्रभाव होगा जिससे जिंदगी फिर से पटरी पर लौटने लगेगी।

कोरोना वायरस के इस दुष्प्रभाव से आप हम सब व्यथित हुए हैं। लेकिन नकारात्मकता से दूर होकर अब फिर से नयी शुरुआत का समय है। ग्रहों के अध्ययन से भी ये कयास लगाये जा सकते हैं कि अब स्थितियाँ अचानक तो सही नहीं होगी लेकिन कार्य धीरे धीरे सुचारु होने लगेंगे। बीमारी के नए मामले भी सामने आयेंगे लेकिन विकट स्थिति नहीं होगी। अत: ये कहा जा सकता है कि कोरोना और लॉकडाउन के बाद मिश्रित फल देखने को मिलेगा जिनमें आर्थिक मोर्चे पर भी कई चुनौतियाँ आएँगी जिनका हमें मिलकर सामना करना है।

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