वैवाहिक जीवन वैदिक धर्म में बताए गए चार आश्रमों में से एक है। जिसे गृहस्थ आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। जीवन को रथ के रूप में माना जाए तो पति-पत्नी को उस रथ के दो पहिये माने गए हैं। इस रथ को सुगम गति से चलाने के लिए दोनों पहियों का साथ में गति करना आवश्यक है। अगर किसी भी एक व्यक्ति में असंतुलन होता है तो जीवन अस्थिर हो जाता है। सुखी वैवाहिक जीवन निभाने के लिए कुछ बातों का व्यवहार में ध्यान रखना आवश्यक है। शास्त्रों में रिश्तों को ठीक करने के लिए कुछ उपाय बताये गए हैं, जिनका पालन करने से आपके बिगड़े रिश्ते में मिठास आने लगेगी|

आइये जानते हैं सुखी शादीशुदा जीवन के लिए उपाय-

वैवाहिक संबंधों में विवाद होने की स्थिति ( Astrological Remedy for married life problems) इस मन्त्र का जाप करें

ओम् नम: संभवाय च मयो भवाय च नम:

शंकराय च मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च।।

मंत्र जाप विधि :
सूर्योदय से उठकर स्नान कर लें और किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए पूरी श्रद्धा के साथ श्रद्धा पूर्वक इस मंत्र का जाप करें।
विशेष :
जीवन साथी के प्रति किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचार न रखें। पुरानी किसी भी गलती को भूल जाएँ। अनावश्यक नकारात्मक विचार और पुरानी बातों को याद में रखने से रिश्तों के बीच की ऊर्जा भी नकारात्मक हो जाती है. ऐसे में मन्त्रों और उपायों का प्रभाव भी असर नहीं करता|

व्यावहारिक तौर पर इन बातों का ध्यान रखें ( Things to remember in your behavior)

संयम से काम लें –
कई बार टकराव की स्थिति बन जाती है उस समय धैर्य से काम लेवें। एक दूसरे की बात समझें। रिश्तों में केवल शारीरिक अंतरंगता ही सबकुछ नहीं होती बल्कि एक-दूसरे की भावनाएं भी मायने रखती है। इसलिए अच्छे रिश्ते के लिए बुरे वक्त में एक दूसरे के साथ खड़े रहें।
अच्छा व्यवहार करें –
एक-दूसरे को कितना सम्मान पति पत्नी देते हैं ये बात भी रिश्ते में बहुत मायने रखती है। व्यवहार में ध्यान रखें कि अपने जीवन साथी के आत्मसम्मान को कभी ना गिराएँ। अगर किसी बात पर समस्या है तो साकारात्मक होकर उनसे प्यार से उस मुद्दे पर बात करें।
पैसा ही सबकुछ नहीं है –
जिंदगी के लिए धन आवश्यक वस्तु है लेकिन सबकुछ नहीं है। धन और भावनाओं में अंतर को समझें। एक-दूसरे के लिए समर्पित रहें। ऐसा होने पर अगर कोई विपरीत परिस्थिति आती भी है तो शीघ्र ही निकल जाती है। हो सकता कभी आपको जीवन में आर्थिक दिक्कतें का सामान करना पड़े लेकिन ध्यान रहे एक दूसरे का ईमानदारी से साथ देता रहें।
जिम्मेदारियों को समझें –
जब विवाह हो जाता है तो गृहस्थी में कई जिम्मेदारियों को निभाना पड़ता है। कभी भी जिम्मेदारियों से भागे नहीं। धीरे-धीरे एक दूसरे जानें और सहज होने में समय भी दें।

गृहस्थी की जिम्मेदारियों में एक-दूसरे का प्रेम पूर्वक साथ दें। आपस में काम को समझें और उसकी अहमियत को भी समझें

सच बोलें –
वैवाहिक जीवन में स्वयं से और जीवन साथी से सच कहने की हिम्मत रखें। आपका जीवन साथी आपका सबसे अच्छा दोस्त होता है इसलिए कोई बात उनसे न छिपाएं। कई बार ये शक को जन्म दे देता है जिससे रिश्ते में दरारें आ सकती है।

इन बातों का ध्यान रखने से रिश्ते में हमेशा मिठास बनी रहेगी। फिर भी कई बार ग्रहों के अशुभ दोष और नकारात्मक प्रभाव के कारण रिश्ते में अनबन होती रहती है। ऐसे में समझ में भी नहीं आता क्या किया जाए। ऐसे में कुंडली विश्लेषण द्वारा उपाय जानकर, उपाय किये जाने चाहिए।