मतभेद भुलाने व प्रेम का संदेश देती है होली

भारत में होली बडा त्यौहार है और इस दिन लोग अपने पुराने मतभेद भुलाकर प्रेम व भाईचारे का संदेश देते हुए एक दूसरे को रंग लगाते हैं। होली पर सभी धर्मों के लोग एक दूसरे को रंग,गुलाल लगाकर बडे प्यार व खुशी के साथ इस त्यौहार को मनाते हैं।होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है और दो दिन तक यह त्यौहार मनाया जाता है।

होली मुहूर्त 2019

होलिका दहन 20 मार्च 2019 बुधवार
होलिका दहन मुहूर्त 20:58:38 से 24:23:45 तक
भद्रा पुँछा 17:34:15 से 18:35:34 तक
भद्रा मुखा 18:35:34 से 20:17:45 तक
रंगवाली होली 21 मार्च 2019, गुरूवार
पूर्णिमा तिथि आरंभ 10:44 (20 मार्च)
पूर्णिमा तिथि समाप्त 07:12 (21 मार्च)

इसलिए मनाई जाती है होली

पौराणिक कथा अनुसार प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक घमण्डी राक्षस था जिसने अपने राज्य में ईश्वर का नाम लेने पर प्रतिबंध लगा दिया था। हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद ईश्वर का परम भक्त था और अपने बेटे की ईश्वर के प्रति विशेष भक्ति से क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने उसे कई बार रोका व सजा भी दी लेकिन भक्त प्रह्लाद ने अपने ईश्वर की भक्ति नहीं छोडी। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को आग में भस्म नहीं होने का वरदान प्राप्त था इसलिए एक दिन हिरण्यकश्यप ने बहन होलिका को प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठने के लिए कहा लेकिन इस दौरान चमत्कार हुआ और होलिका जल गई लेकिन ईश्वर भक्त प्रह्लाद बच गये। तभी से यह त्यौहार होली के रूप में मनाए जाने लगा।

नकारात्मकता के अंत का संदेश देती है होली

होली से कुछ दिनों पूर्व होलिका दहन वाले स्थान पर विधिपूर्वक सूखे उपलें, सूखी लकड़ी या घास लगाकर होली का डंडा स्थापित ​कर दिया जाता है। पहले दिन होलिका दहन होता है और इस आग में गेहूँ की बालियों और चने के होले को भी भूना लिया जाता है। होलिका दहन से बुराइयों व नकारात्मकता के अंत का संदेश मिलता है।

सुख—समृद्धि की होती है कामना

होली के बाद अगला दिन धुलेंडी होता है। इस दिन लोग अपने पुराने मतभेद भुलाकर सुबह से ही एक दूसरे को गुलाल व रंग लगाकर भाईचारे व अपनेपन का संदेश देते है और एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं देकर सुख—समृद्धि की कामना करते हैं।

ब्रज की होली आकर्षण का केन्द्र

भारत में ब्रज की होली आकर्षण का केन्द्र होती है जिसमें बरसाने की लठमार होली विश्व स्तर पर विख्यात मानी जाती है। इसी प्रकार मथुरा और वृंदावन में भी भव्य स्तर पर होली पर्व मनाया जाता है जिसे देखने देश—विदेश से लोग यहां पहुंचते हैं।