रुद्राक्ष यानि वो वस्तु जिसे रुद्र का अक्ष यानि आंसु कहा जाता है। रुद्राक्ष इस धरती पर अकेली ऐसी वस्तु है जिसको मंत्र जाप और ग्रहों को नियंत्रित करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। त्रिनेत्रधारी भगवान महादेव के अंश रुद्राक्ष को भोलेनाथ का वरदान माना जाता है। भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का अपना अनूठा ही महत्व है। माना जाता है कि रुद्राक्ष इंसान को हर तरह की हानिकारक ऊर्जा से बचाता है। इसके इस्तेमाल से हर तरह की बाधाएं टल जाती हैं। आइए जानते हैं रुद्राक्ष का महत्व और इसके इस्तेमाल की सावधानियां।

कितने प्रकार के होतें हैं रुद्राक्ष

भगवान शिव का रुप है एक मुखी रुद्राक्ष, गौरी शंकर का स्वरुप है दो मुखी रुद्राक्ष। तीन मुखी रुद्राक्ष है तेजोमय अग्नि का स्वरुप, चारमुखी रुद्राक्ष है श्री पंचदेव का रुप। पांच मुखी रुद्राक्ष सर्वदेवमय, छह मुखी रुद्राक्ष है भगवान कार्तिकेय का रुप। सात मुखी रुद्राक्ष है प्रभु अनंत का रुप, आठ मुखी रुद्राक्ष श्री गणेश का रुप तो नौ मुखी रुद्राक्ष है मां दुर्गा का स्वरुप। दस मुखी रुद्राक्ष है श्री हरि विष्णु का और तेरह मुखी रुद्राक्ष है इंद्रदेव का रुप। चौदह मुखी रुद्राक्ष स्वंय बजरंग बली का स्वरुप माना जाता है। इसके अलावा श्री गणेश और गौरी शंकर नाम के रुद्राक्ष भी होते हैं।

क्यों है रुद्राक्ष इतना महत्वपूर्ण

रुद्राक्ष वैसे तो एक फल की गुठली है लेकिन इसका विशेष और आध्यात्मिक महत्व है. मान्यता है कि भगवान शिव के आंसुओं से पैदा हुआ था रुद्राक्ष। इसे पहनने से या विशेष प्रयोग करने से विशेष फल मिलता है। अकाल मृत्यु और शत्रु बाधा से रक्षा करता है रुद्राक्ष। कुल मिलाकर एक से लेकर चौदह मुखी रुद्राक्ष पाए जाते हैं।

रुद्राक्ष धारण करने के नियम व सावधानियां

रुद्राक्ष को लाल या पीले धागे में धारण करें. पूर्णिमा या अमावस्या या किसी सोमवार को रुद्राक्ष धारण करना उत्तम होता है। 1, 27, 54 या 108 की संख्या में ही धारण करना चाहिए रुद्राक्ष। इसे धारण करने के बाद मांस-मदिरा का सेवन ना करें। रुद्राक्ष को धातु के साथ धारण करना और भी अच्छा होता है। तांबे के साथ धारण करने पर रुद्राक्ष चमत्कारी परिणाम देता है। दूसरे की पहनी हुई रुद्राक्ष की माला कभी ना पहनें।

कैसे करें असली रुद्राक्ष की पहचान

रुद्राक्ष की पहचान के लिए रुद्राक्ष को कुछ घंटे के लिए पानी में उबालें यदि रुद्राक्ष का रंग न निकले या उस पर किसी प्रकार का कोई असर न हो, तो वह असली होगा। इसके अलावा आप रुद्राक्ष को पानी में डाल दें अगर वह डूब जाता है तो असली नहीं नकली है। सरसों के तेल में डालने पर रुद्राक्ष अपने रंग से गहरा दिखे तो समझें वो एक दम असली है।

महादेव की कृपा जिसे हासिल हो उसे किसका डर। चमत्कारी शक्तियों से भरे शिव के प्रिय रुद्राक्ष को धारण कर आप भी अपनी तमाम मुश्किलों से निजात पा सकते हैं। फिर आपकी किस्मत भी चमकने लगेगी और इसके आशीर्वाद से मिलेगा हर समस्या का उचित समाधान।