होलिका दहन के साथ ही छा जाती है होली की मस्ती और हर तरफ उड़ने लगते हैं रंग और गुलाल। बहुत शुभकारी होती हैं होलिका दहन की लपटें। होलिका की अग्नि में हर चिंता हो जाती है ख़ाक। दुखों का नाश हो जाता है और इच्छाओं को मिलता है पूर्ण होने का वरदान। कैसे करें होलिका की पूजा, कितने उपलें जलाएं और कितनी परिक्रमा करने से पूरी होगी हर मुराद आइए जानतें हैं।

शुभ मुहूर्त का समय

बुराई से अच्छाई की इस जीत पर जितना महत्व रंगों का है उतना ही होलिका दहन का भी महत्व है। ये मान्यता है कि विधि-विधान से होलिका पूजा और दहन करने से मुश्किलों को खत्म होते देर नहीं लगती। इस साल 2 मार्च 2018 को होली का त्योहार मनाया जाएगा और 1 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 1 मार्च, 2018, शाम 06:23 बजे से 08:53 बजे (अवधि – 2 घंटे और 30 मिनट) तक का है।

होलिका दहन 2018

दिनांक

शुभ मुहूर्त एवं समय

शुभ अवधि एवं मुहूर्त  का समय

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 1 मार्च, 2018  शाम 06:23 बजे से 08:53 बजे अवधि – 2 घंटे और 30 मिनट

क्या है पौराणिक मान्यता

पौराणिक कथा के अनुसार खुद को भगवान समझने वाला हिरण्यकश्यप बहुत ही अभिमानी राजा था। वहीं हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रहलाद ने अपने पिता की पूजा करने से इनकार करते हुए उसकी जगह भगवान विष्णु की पूजा करना जारी रखा। इस बात से नाराज हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को कई सजाएं दी जिनसे वह कभी भी प्रभावित नहीं हुआ। इसके बाद हिरण्यकश्यप और उसकी बहन होलिका ने मिलकर एक योजना बनाई की वह प्रहलाद के साथ चिता पर बैठेगी। जैसे ही आग जली प्रहलाद की जगह होलिका उस अग्नि में स्वाहा हो गई। यही कारण है होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

कैसे करें पूजा

होलिका पूजा व दहन में परिक्रमा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। कहते हैं परिक्रमा करते हुए अगर अपनी इच्छा कह दी जाए तो वो सच हो जाती है। होलिका की सात परिक्रमा करना शुभ माना जाता है। परिक्रमा के अलावा होलिका दहन में उपलें जलाने का भी बेहद जरूरी महत्व है। सात उपलें रस्सी में बांध कर सफेद चंदन से तिलक कर सिर से सात बार उतार कर होलिका की अग्नि में समर्पित कर दें। इसके अलावा बतासें, दो लौंग घी में डुबोकर, कर्पूर, हवन सामग्री, पान के पत्तें लेकर सभी साम्रगी होलिका की अग्नि में डालकर पूजन करें। गेहूं की बालें भूनकर घर ले जाएं और परिवार के सदस्यों में बाटें। होलिका दहन के बाद प्रणाम करें और पीछे मुड़कर अग्नि को नहीं देखें।

शुभ मुहूर्त और उपयुक्त पूजन विधि से होलिका दहन व पूजा आपके घर में सुख, शांति और समृद्धि ला सकता है. तो फिर आईए बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक इस होलिका की अग्नि में हर चिंता और परेशानी को सुपुर्द कर देते हैं।